पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के बीच फंड को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) के मंत्री ने दावा किया है कि पंजाब सरकार ने केंद्र से 20,000 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन राज्य को मात्र 1600 करोड़ रुपये ही मंजूर हुए। मंत्री ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पैसे कम मिलने की शिकायत की, तो पीएम मोदी ने मजाकिया लहजे में जवाब दिया – “हिंदी नहीं आती?”
यह बयान अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। विपक्षी दल इसे पंजाब की उपेक्षा बता रहे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि राज्य को उसके हिस्से का उचित फंड नहीं दिया जा रहा।
पंजाब सरकार का तर्क है कि राज्य की वित्तीय स्थिति पहले से ही गंभीर है और इस समय विकास योजनाओं, किसानों की मदद और इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए बड़े आर्थिक सहयोग की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि इतनी कम राशि से प्रदेश की जरूरतें पूरी होना नामुमकिन है।
यह विवाद केंद्र और राज्य सरकार के रिश्तों पर नए सवाल खड़े कर रहा है और आने वाले दिनों में इसे लेकर राजनीति और भी गरमाने की संभावना है।