जयपुर राजस्थान की राजधानी जयपुर में मीट की दुकानों को लेकर नगर निगम ग्रेटर ने नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब हर मीट दुकान के बाहर यह स्पष्ट रूप से बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा कि वहां हलाल मीट बेचा जा रहा है या झटका मीट। नगर निगम का कहना है कि उपभोक्ताओं की सुविधा और पारदर्शिता के लिए यह कदम उठाया गया है। साथ ही धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निगम ने इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
महापौर सौम्या गुर्जर ने बताया कि पिछले कुछ समय से नगर निगम को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि मीट दुकानों पर उपभोक्ताओं को स्पष्ट जानकारी नहीं दी जाती कि मीट किस प्रकार का है। इस वजह से कई बार धार्मिक विवाद और असंतोष की स्थिति बन जाती है। इसी को देखते हुए निगम ने पिछले साल जुलाई में एक आदेश जारी किया था, लेकिन उसका पालन ठीक तरह से नहीं हो पाया। अब एक बार फिर से इस आदेश को लागू करने पर जोर दिया जा रहा है और दुकानदारों को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने इसका पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि मीट बेचने वाली दुकानों को इस आदेश का तुरंत पालन करना होगा। बोर्ड पर साफ और पढ़ने योग्य तरीके से लिखा होना चाहिए कि मीट हलाल है या झटका। इससे ग्राहकों को निर्णय लेने में आसानी होगी और किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं बनेगी। निगम का मानना है कि यह कदम धार्मिक सौहार्द बनाए रखने में मदद करेगा और दुकानदारों तथा उपभोक्ताओं के बीच पारदर्शिता भी बढ़ाएगा।
जयपुर शहर में बड़ी संख्या में मीट की दुकानें मौजूद हैं और नगर निगम चाहता है कि इन सभी दुकानों में एकरूपता लाई जाए। आदेश का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगाया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर उनकी दुकान भी सील की जा सकती है। नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कोई विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्य नियम है और सभी दुकानदारों को इसका पालन करना ही होगा।