पंजाब इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
कृषि क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अब तक करीब 1.75 लाख हेक्टेयर खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों के लिए यह संकट की घड़ी है, क्योंकि धान और कपास जैसी प्रमुख फसलें पानी में डूबकर पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है।
प्रशासन और राहत एजेंसियां लगातार बचाव और सहायता कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं। वहीं केंद्र और राज्य सरकारें नुकसान का आकलन कर रही हैं और बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने की योजना बना रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बाढ़ जलवायु परिवर्तन और लगातार हो रही असामान्य बारिश का नतीजा है। आने वाले दिनों में हालात को सामान्य करने के लिए बड़े पैमाने पर राहत और पुनर्वास कार्य की आवश्यकता होगी।